Monday, April 19, 2021

Online Gurukul

अकामो धीरो …… युवानम्॥ अथर्व. १०/८/४४।
भावान्तर 8
 *हे ईश्वर ! आप अपनी तृप्ति की कामनाओं से सर्वथा रहित, सर्वज्ञ, मृत्यु से रहित तथा आनन्द से परिपूर्ण हैं। आप में किसी प्रकार की कोई न्यूनता नहीं है। आप अजर-अमर, एकरस, पूर्णसमर्थ को ही प्राप्त होकर तत्त्वज्ञानी मृत्यु से निर्भय हो जाते हैं॥*
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सादर नमस्ते जी,
आज दिनांक -20/04/2021 को *ऑनलाइन वैदिक पाठशाला* के अंतर्गत पढ़ाए जाने वाले पाठों की लिंक :- 
प्रातः 09:00 बजे *योग दर्शन* (कक्षा-04)-
https://youtu.be/VLRyR02UsuM 

दोपहर 03:30 बजे *उपदेश मञ्जरी*- पहला प्रवचन (कक्षा-03) - https://youtu.be/uXrG_MAgKjw

~वेद प्रचार समिति (9409615011)